तभी सब सच कहा करते, खुले चेहरे खुली किताब होते हैं, यह हंसी चेहरे हंसी चेहरे। तभी सब सच कहा करते, खुले चेहरे खुली किताब होते हैं, यह हंसी चेहरे हंसी चेह...
उम्मीद की गुलशन के खिलने की आस उम्मीद की गुलशन के खिलने की आस
वो राज निग़ाहों से बता रखा है। वो राज निग़ाहों से बता रखा है।
कुछ बातें ऐसी रह जाती हैं कुछ बातें ऐसी रह जाती हैं
खुद को महसूस करना चाहता हूँ खुद को महसूस करना चाहता हूँ
इतना भी ना स्वाद ले सारे मसाले भर मुठ्ठी में हम पर ही उड़ेल दे। आंखो में मिर्च की ज इतना भी ना स्वाद ले सारे मसाले भर मुठ्ठी में हम पर ही उड़ेल दे। आंखो मे...